दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे स्थैतिक ऊर्जामापी के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
स्थैतिक ऊर्जामापी-
ऊर्जामापी के रूप में प्रेरण प्रकार ऊर्जामापीकी अपेक्षा स्थैतिक ऊर्जामापी को प्रयोग किया जाता है जो अपेक्षाकृत अधिक सुग्राही एवं परिशुद्ध पाठ्यांक देते हैं और तुलनात्मक रूप से सस्ते भी होते हैं।

स्थैतिक (Static) ऊर्जामापी के परिपथ में निम्न मुख्य खण्ड (Block) दर्शाए गए हैं-
- 5V शक्ति व्यय
- 3.75 संदर्भ
- धारा परिणामित्र (C.T.)
- वोल्टता विभाजक
- टेम्पर संसूचन
- लीड (Lead) मोड्यूल
- इन-करंट (In-Current) प्रोग्रामिंग
एकल कला स्थैतिक ऊर्जामापी-

ऊर्जा के पंजीयन हेतु एक साइक्लोमीटर लगाया जाता है जिस पर भिन्न 1/10, 1, 10, 100, 1000, 10000 तक kWh या यूनिट तक का पंजीयन होता है। यह साइक्लोमीटर एक छोटे मीटर द्वारा चलता है जिसका अंशांकन भार अनुसार नियंत्रित किया होता है।
त्रिकलीय ऊर्जामापी का प्रयोग एक कलीय ऊर्जामापी की अपेक्षा अधिक किया जाता है क्योंकि एक बहुकला ऊर्जामापी का मूल्य परिपथ में प्रयुक्त दो या तीन ऊर्जामापियों की अपेक्षा कम होता है। त्रिकला ऊर्जामापी में मापी को धारा, तीन धारा परिणामित्र द्वारा दी जाती है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि स्थैतिक ऊर्जामापी इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो