दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे दिक्परिवर्तक मोटर प्रकार ऊर्जामापी के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
दिक्परिवर्तक मोटर प्रकार ऊर्जामापी –
यह समाकलन (Integrating) श्रेणी का यंत्र है। यह श्रेणी प्रकार की दिष्ट धारा मोटर के सिद्धान्त पर कार्य करता है। इसमें ध्रुव क्षेत्र बिना कोर के होते हैं जिसके चुम्बकीय क्षेत्र में दिक्परिवर्तक प्रकार का आर्मेचर होता है। चुम्बकीय क्षेत्र दो स्थिर CC, और CC₂ द्वारा उत्पन्न किया जाता है। ये धारा कुण्डलियां मोटे ताम्र तार की (लोड धारानुसार) व कम वर्तन (turns) में कुण्डलित होती है। ये धारा कुण्डलियां भार (Load) के श्रेणी क्रम में जोड़ी जाती हैं। भार धारा इन्हीं कुण्डलियों में से प्रवाहित होकर चुम्बकीय क्षेत्र धारा के समानुपाती उत्पन्न होती है। अधिक धारा के लिए धारा कुण्डलियों के समान्तर में शंट (Shunt) प्रयोग किया जाता है।
धारा कुण्डलियों के चुम्बकीय क्षेत्र में आर्मेचर घूमता है जिससे धारा दिक्परिवर्तक द्वारा मिलती है। आर्मेचर पर कुण्डलन एक रूपक (Former)पर लपेटी होती है और सिरों का संयोजन दिकपरिवर्तक के ताम्र खण्डों (Segments) पर किया जाता है।

इस आर्मेचर कुण्डलन को दाब कुण्डली (Pressure coil) कहते हैं और इसके श्रेणी क्रम में उच्च प्रतिरोध लगाकर प्रदाय या भार के समान्तर में जोड़ा जाता है। रूपक अवरोधी (Insulating) पदार्थ का बना होता है। दिक्परिवर्तन व बुशों का अग्र भाग चांदी का बनाया जाता है जिससे सम्पर्क प्रतिरोध (Contact resistance) का मान न्यूनतम रखा जा सके।
एक पतले ताम्र की समकारी कुण्डली (Compensating coil) दाब कुण्डली की श्रेणी में जोड़ी जाती है। यह क्षतिपूरक कुण्डली मुख्य धारा कुण्डलियों के घर्षण के प्रभाव को निष्प्रभावित करने के लिए अतिरिक्त सामर्थ्य (Strength) प्रदान करती है। शून्य प्रदाय या लाइन धारा होने पर भी घर्षण नहो तो कुण्डली की स्थिति ऐसे समंजित (Adjust) की जाती है।
इसमें अवमंदन स्थाई चुम्बक को चकती में रखा जाता है जिससे चाल अनुसार कम व अधिक भंवर धाराएं उत्पन्न होने से अवमंदन होता है जो चाल की दिशा के विरुद्ध कार्य करता है। इस चुम्बक को चकती पर चाल अनुसार ब्रेक लगाने के कारण रोक चुम्बक (Brake magnet) भी कहा जाता है। एल्युमिनियम चकती, आर्मेचर की धुरी (Shaft) पर लगी होती है।यह चकती दोनों स्थाई चुम्बकों के अंतराल (Gap) में घूमती है। चकती की गति (Speed) परिपथ भार द्वारा व्यय (Consumption) की गई शक्ति के समानुपाती होती है। डायल पर kWh में पाठ्यांकों का पठन किया जा सकता है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि दिक्परिवर्तक मोटर प्रकार ऊर्जामापी इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो