एकल कला प्रेरण प्रकार ऊर्जामापी में चालन प्रणाली को समझाइए?

दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे एकल कला प्रेरण प्रकार ऊर्जामापी में चालन प्रणाली के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |

एकल कला प्रेरण प्रकार ऊर्जामापी-

यह एसी ऊर्जामापी (A.C. Energy meter) के रूप में सर्वाधिक उपयुक्त है। इसकी तंत्र रचना (Operating mechanism) के निम्न चार भाग होते हैं-

1. विक्षेपक या चालन प्रणाली –

इस चालन प्रणाली में दो विद्युत चुम्बक होते हैं जिन्हें पार्श्व (Shunt) या श्रेणी (Series) चुम्बक कहा जाता है।

इन चुम्बकों की पटलित क्रोड (Laminated core) को सिलिकॉन इस्पात (Silicon steel) का बनाया जाता है और इन पटलों (Laminations) को रिवेट (Rivet) किया जाता है जिससे फ्लक्स के अच्छे प्रदर्शन के लिए उपयुक्त वितरण हो सके। शन्ट चुम्बक में M आकार की पटलों को एकत्रित कर क्रोड बनाई जाती है। शन्ट चुम्बक की केन्द्रीय भुजा (Central limb) पर एक क्षतिपूरक (Compensating) कुण्डली लपेटी होती है। इस चुम्बक को वोल्टता कुण्डली या दाब कुण्डली कहा जाता है। इसमें बहुत अधिक वर्तन होते हैं, इसे प्रदाय से जोड़ा जाता है।

दूसरी श्रेणी (Series) चुम्बक होती है, वह भी सिलिकॉन इस्पात की पटलों से चुम्बक की पटलित (Laminated) क्रोड बनाता है। इसकी क्रोड U आकार की होती है तथा क्रोड के दोनों भागों (Teribs) पर मोटी तार की दो कुण्डलियां बंधी होती हैं। इसे श्रेणी चुम्बक कहा जाता है तथा चुम्बक भार (Load) के श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है। दोनों चुम्बकों के मध्य एक स्थिर अन्तराल (Constant gap) होता है। यह अन्तराल चकती को स्वतन्त्र रूप से घूमने के लिए दिया जाता है।

आज आपने क्या सीखा :-

अब आप जान गए होंगे कि एकल कला प्रेरण प्रकार ऊर्जामापी में चालन प्रणाली इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो

Leave a Comment