दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे दिष्टधारा जनित्रों के समान्तर प्रचालन के लाभ के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
दिष्टधारा जनित्रों के समान्तर प्रचालन के लाभ-
- कार्य की निरन्तरता रहती है, क्योंकि यदि स्टेशन पर कई यूनिट हैं तो एक यूनिट के खराब होने पर कार्य सुचारू रूप से चलाया जा सकता है।
- यदि स्टेशन में कई यूनिट हैं तो उनका निरीक्षण आसानी से किया जा सकता है व सम्भावित दोष को जल्द ही ठीक कर सकते हैं।
- स्टेशन की उच्च दक्षता कम व्यय में प्राप्त की जा सकती है क्योंकि जनित्र की दक्षता पूर्ण भार पर अधिकतम होती है।
- यदि बड़ी यूनिट पूर्णतया कार्य योग्य न हो तो दूसरी बड़ी यूनिट खरीदने में बहुत व्यय होगा, जबकि किसी छोटी यूनिट के खराब होने पर उसका क्रय मूल्य कम होगा।
- भविष्य में वैद्युत भार की आवश्यकता बढ़ने से स्टेशन पर अतिरिक्त छोटी यूनिट स्थापित की जा सकती है।
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि दिष्टधारा जनित्रों के समान्तर प्रचालन के लाभ इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो