दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे प्रतिरोधों का वर्गीकरण के बारे में बहुत ही अच्छे तरीके से इन सब के बारे में जानकारी देने वाला हूं| तो चलिए शुरू करते हैं |
प्रतिरोधों का वर्गीकरण-
मापन की दृष्टि से प्रतिरोधों को तीन प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है-
निम्न प्रतिरोध (Low Resistance)
एक ओह्म या इससे कम मान के प्रतिरोध इस श्रेणी में आते हैं। बड़ी-बड़ी विद्युत मशीनों के आर्मेचर तथा फील्ड वाइन्डिंग का प्रतिरोध, अमीटर का शंट तथा सम्पर्क प्रतिरोध आदि निम्न प्रतिरोध के उदाहरण हैं। इनके मापन के लिए निम्नलिखित विधियां प्रयुक्त की जाती हैं-
(i) एमीटर वोल्टमीटर विधि (Ammeter-Voltmeter Method)
(ii) केल्विन डबल ब्रिज विधि (Kelvin Double Bridge Method)
(iii) पोटेन्शियोमीटर विधि (Potentiometer Method)
मध्यम प्रतिरोध (Medium Resistance)
एक ओह्म से लगभग एक सौ किलो ओह्म तक के प्रतिरोध मध्यम श्रेणी के प्रतिरोध कहलाते हैं। अधिकांश प्रयोग होने वाले विद्युत उपकरण तथा उनमें प्रयुक्त होने वाले विभिन्न विद्युत अवयव मध्यम प्रतिरोध के उदाहरण हैं।
इनके मापन के लिए निम्नलिखित विधियां हैं-
(i) एमीटर वोल्टमीटर विधि (Ammeter-Voltmeter Method)
(ii) प्रतिस्थापन विधि (Substitution Method)
(iii) व्हीटस्टोन ब्रिज विधि (Wheatstone Bridge Method)
(iv) ओह्म मीटर विधि (Ohm Meter Method)
उच्च प्रतिरोध (High Resistance)
एक सौ किलो ओह्म या अधिक मान के प्रतिरोध उच्च प्रतिरोध होते हैं। पृथक्करण प्रतिरोध (Insulation Resistance), पदार्थों की आयतन प्रतिरोधकता (Volume Resistivity of Materials) तथा सतही प्रतिरोधकता आदि इसके उदाहरण हैं। इनके मापन हेतु निम्नलिखित विधियां प्रयुक्त होती हैं-
(i) प्रत्यक्ष विक्षेप विधि
(ii) लॉस ऑफ चार्ज विधि
(iii) मेगा ओह्य विधि
(iv) मैगर विधि
आज आपने क्या सीखा :-
अब आप जान गए होंगे कि प्रतिरोधों का वर्गीकरण इन सभी सवालों का जवाब आपको अच्छी तरह से मिल गया होगा|
उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी अगर आपके मन में कोई भी सवाल/सुझाव है तो मुझे कमेंट करके नीचे बता सकते हो मैं आपके कमेंट का जरूर जवाब दूंगा| अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है तो अपने दोस्तों रिश्तेदारों के साथ में शेयर भी कर सकते हो